बड़ा अकड़ रहे थे वो चन्द बर्फ के टुकड़े बैठकर

बड़ा अकड़ रहे थे वो चन्द बर्फ के टुकड़े बैठकर,
जो मेरे सनम के हाथ लगते ही पानी पानी हो गये।।
– राही (अंजाना)

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