बरबादी का शौक है

आतंकी जवानों को रोज गोली मार रहे हैं
जनता द्वारा चुने नेता देश को खा रहे हैं
ढोंगी बिना वजह ही, मुद्दे खड़े कर रहे हैं
स्वार्थ सिद्धि को खुदा को रिश्वत दे रहे हैं
आरक्षण के भोग इतने आकर्षक हो चुके हैं
सवर्ण भी ‘मैं पिछड़ा’ का शोर कर रहे हैं

आज हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहाँ
पेट खाली है, योग करवाया जा रहा है
जेब खाली, खाता खुलवाया जा रहा है
घर नहीं, शौचालय बनवाया जा रहा है
आटा महंगा और डाटा सस्ता हो रहा है
दिमाग गन्दा, भारत स्वच्छ बन रहा है

जहाँ डॉक्टर स्वास्थ्य को तबाह करते हैं
जहाँ वकील न्याय को तबाह करते हैं
शिक्षण संस्थान शिक्षा को तबाह करते हैं
जहाँ प्रेस जानकारी को तबाह करती हैं
जहाँ धर्मगुरु आचरण को तबाह करते हैं
और बैंक अर्थव्यवस्था को तबाह करते हैं

जहाँ असावधानी से ही लोग मरते नहीं हैं
असावधानी से, पैदा भी करोड़ों में होते हैं
11 लोगों को “ॐ नम: शिवाय” लिख कर
२४ घंटे में चमत्कार की उम्मीद करते हैं
ढोंगी, भोगी, जुमलेबाजों के देश में रहते हैं
“योगी” यहाँ लोगों को बरबादी का शौक है

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