Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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प्रातः अभिवादन
“**प्रातः अभिवादन “** *********** मित्रतामय जगत सारा , मित्रता ही महकती है । गुलाबों की तरह हर पल दुख के शूलों के संग रहती। निभा…
**मोह रही मन”**
**मोह रही मन”** मोह रही मन सभी के फागुनी बयार । शनैः शनेः उभर रहा है सृष्टि का निखार । धडकनें सुवह की सरगमें सुहावनी।…
“**मोह रही मन”**
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माधवी-सवेरे
**माधवी – सवेरे”** ********* सुप्रभात माधवी-सवेरे का मन से अभिनन्दन , सुप्रभात, मंगलमय मित्रों का वन्दन । प्राची की लाली की टेर है सुहानी ,…
Waah
Nice