प्रभु अब तो बुला ले

प्रभु अब तो बुला ले
प्रभु अब तो अपने पास बुला ले
छल -कपट की इस दुनियाँ में
क्या बचा अब काम हमारा
जहां जहान के सारे रिश्ते
अपनी – अपनी कीमतें लिये
रिश्तों के बाज़ार में बिकते …
तेरे सिवाय अब कौन संभाले
प्रभु अब तो अपने पास बुला ले……..
दुखों ने मुझको तोड़ दिया है
घरवालों ने छोड़ दिया है
इन लड़खड़ाते कदमों में
तेरे नाम की छड़ी का सहारा है
तुझसे उम्मीदों को पाले
प्रभु अब तो अपने पास बुला ले……
किलकारियों से भरा वो आँगन
जहां पंछी कलरव करते थे
कोयल गीत गातीं थीं
आज उजड़ कर हुये वीरान
स्वार्थ -सिद्धि के लगे हैं जाले
प्रभु अब तो अपने पास बुला ले…….
घर के लोग हुये बेगाने
खत्म हुये अब सब याराने
मतलबी हुआ सारा संसार
अय दुनियाँ के रखवाले
प्रभु अब तो अपने पास बुला ले…..
हरि पौडेल
नेदरल्याण्ड
१२-१०-२०१४

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