Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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यपूर्व की हवाएँ
पूर्व की हवाएँ जब भी बदलता है मौसम वसंत के बादऔर ग्रीष्म के पहले का लंबा अंतराल तो सूर्य के विरुद्ध जा कर पुरबवैयाँ…
वो लड़का मुझे बहुत मोहब्बत किया करता था
गीतों में अपने जज्बात लिखा करता था, गीतों में मुझसे बात किया करता था हाथों में लेकर मेरा हाथ, घंटों चलता रहता मेरे साथ वो…
प्रकृति की सुंदरता: जीवन के सफर
जीवन का सफर, प्रकृति के संग, सूरज की उगवान, संध्या का रंग। उठता है सूर्य, पूर्णता के साथ, जीवन की प्रेरणा, भर देता आकाश। प्राकृतिक…
अगर ये प्रकृति भी बदल जाए
दुनियां कितनी बदल जाए अगर इंसानों की तरह प्रकृति में भी प्रतिस्पर्धा हो जाए घोसले की जगह चिड़ियों की भी अट्टालिकाएं बन जाए फूलों में…
Tum chupe ho kaha
तुम छुपे हो कहां तुझे ढूंढूं मैं यहा….. बिना तेरे जीवन मेरा अधूरा यहां, तेरी यादों का दीपक मैं जलाऊं यहां , आ जाओ तो…
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