Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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मित्रता के तख्त पर
**मित्रता के तख्त पर”** मधुर प्रातः स्मरण ” नित शाखें प्यार की हैं झूमती , हर जिंदगी के. दरख्त पर । हर सुवह शाम की…
धुर सुवह का प्यार मित्रो
मधुर सुवह का प्यार मित्रो , मधुर सुवह का प्यार । नहीं मित्रता से बढ़ कोई , है कोई उपहार । सदा मित्रता भाव हृदय…
मित्रता
*प्रातः अभिवादन* सुवह सुवह जो मित्रता की ना महक आये । जिंदगी व्यर्थ में , दिन -रात सी चली जाये । चंद लमहे ही सही…
दुआएं सुबह करें ,शाम करें
दुआएं सुबह करें ,शाम करें , प्यार कुछ मित्रता के नाम करें । अपने हर मित्र का भला चाहें , जिंदगी मित्रता का धाम करें।…
मित्रता का महकता रहे चंदन
*फागुनी सवेरे का अभिनन्दन “* ^^^^^^^^^^^^^^^^-^^^^-^ मित्रता का महकता रहे चंदन , मित्रता का मन करे वंदन. । अमर रहें मित्रता कोष मे , जग…
Waah
Good