नादान

हर एक तनहा लम्हे में एक अर्थ ढूँढा करती थी|
हर अँधेरी रुसवाई में गहरा अक्श ढूँढा करती थी |
मैं मेरी परछाई में एक शख्स ढूँढा करती थी|
मेरी मुझसे हुई जुदाई में कुछ वक़्त ढूँढा करती थी |
लोग कहते थे की नादानी का असर है,
मैं उस नादानी में भी कदर ढूँढा करती थी|

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