Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
ओमप्रकाश चंदेल
कविता, गीत, कहानी लेखन
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पपीहे की आस(कहानी)
पपीहे की आस जैसी खुशी बच्चे के पैदा होने पर होती हैं ,शायद उससे भी ज्यादा खुशी किसान को बारिश होने पर होती हैं यही…
पहचान
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धरती-पुत्र
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शायद मुल्य अधिक वो पायेगा
शायद मुल्य अधिक वो पायेगा। रिमझिम बारिश की ये बूंदे, मेघा उपर से फेक रहा एक टक लगाए वो सबकुछ शांति से है देख रहा…
umda…behatreen!
धन्यवाद आपका
वाह बहुत सुंदर