Categories: शेर-ओ-शायरी
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hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
मैं
मैं अल्फ़ाज़ हूँ तेरी हर बात समझता हूँ, मैं एहसास हूँ तेरे जज़्बात समझता हूँ, कब पूछा मैने की क्यूं दूर हो मुझसे, मैं दिल…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
मेरे अल्फाज अब कहाँ रहें, ये तो तेरी मुहब्बत की जहागीर हुई ।
मेरे अल्फाज अब कहाँ रहें, ये तो तेरी मुहब्बत की जहागीर हुई । ये तो तेरे हुश्न-शबाब में खोया है, तेरी मुहब्बत में ये कुछ…
Awesome poetry…nice 🙂
Nice liknes
Waah waah….bht khoobb
bht khoob
nice one
nice 🙂
waah..! nice lines.. 🙂
thank u all dear friends
thank you all dearest my friends
वाह
SHUKRIYA DOSTO
बहुत ही लाजवाब
कब पूछा मैने की क्यूं दूर हो मुझसे,
Waah waah