दवा भी तुम दुआ भी तुम। हवा भी तुम फ़िजा भी तुम।।
दवा भी तुम दुआ भी तुम।
हवा भी तुम फ़िजा भी तुम।।
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घटा भी तुम अदा भी तुम।
वफ़ा भी तुम सज़ा भी तुम।।
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हँसी भी तुम ख़ुशी भी तुम।
कभी आँख में नमी भी तुम।।
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नदी भी तुम ज़मी भी तुम।
कही भी तुम नहीं भी तुम।।
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सफ़र भी तुम लहर भी तुम।
भँवर भी तुम शहर भी तुम।।
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नज़र भी तुम असर भी तुम।
घड़ी भी तुम पहर भी तुम।।
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सही भी तुम ग़लत भी तुम।
जमी भी तुम फलक भी तुम।।
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अज़ीब सा ख़्याल हो,
हो करीब भी अलग भी तुम।।
@@@@RK@@@@
GAZAB SIR KAMAAL KAR DIYA
Thanks
वाह
Good