तेरे कदमो मे गिर जाता।
तु कहती तो तेरे कदमो मे गिर जाता,
मै इतना मजबुर था
चाहता था, तुझे क्योकि मेरे दिल को तु मंजुर था।
प्यार के ब़दले तु करती प्यार ये शिर्फ तुम्हारा कहने का नाटक था।
कल प्यार का मौसम था, आज चाहत के मेले है।।
हम कल भी प्यार के मेले मे अकेले थे ,आज भी अकेले है।
आज तक समझ ही नही पाया तुमको,
सारे अरमान बेच डाले , फिर भी हार के आए,
उसे चाहिए था प्यार नही हमारी दौलत अच्छा हुआ टुट गया दिल अब किसी का इंतजार नही।
वो समझ पाती मेरे मजबुरी को वो उतना भी समझदार नही।
ज्योति कुमार
मो न० 9123155481
बहुत खूब
धन्यवाद
वाह