Categories: शेर-ओ-शायरी
Tags: शायरी
UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
Related Articles
गणपति अपने गाँव चले
गणपति बप्पा मोरया, पुड्च्या वर्षी लौकरया मोरया रे, बप्पा मोरया रे \-४ गणपति अपने गाँव चले, कैसे हमको चैन पड़े जिसने जो माँगा उसने वो…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
ए ज़िन्दगी ……
ए ज़िन्दगी कैसे शिकायत करूँ तुझसे खुदा की बंदगी पाई तुझसे बस तुझमें सिमटा रह्ता हूँ हर पल तेरे ही संग रहता हूँ …
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
तेरा सजदा – 106
तेरा सजदा – 106 कोई तेरे पावन इश्क़ की रो में सर झुका कर बैठा रह्ता है कोई ख़ुद की दुनियावी चाहतों में नशों…
Responses