Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है । प्रेम से ही टिकी हुई, धरती, गगन, भुवन है ।। अर्थ जगत का सार…
अर्थ का महत्व है
अर्थ का महत्व है शब्द तो शब्द है, बिना अर्थ के शब्द निरर्थक है। अर्थ कुछ भी लगाया जा सकता है, निश्चित अर्थ या निर्मित…
कुछ नहीं
हमें आता जाता कुछ भी नहीं, सिर्फ शब्दों में खेल रहा हूं| परिणाम का हमें कुछ पता नहीं, मीठा खट्टा बोल रहा हूं| शब्द आन…
करो परिश्रम ——
करो परिश्रम कठिनाई से, जब तक पास तुम्हारे तन है । लहरों से तुम हार मत मानो, ये बात सीखो त जब मँक्षियारा नाव चलाता,…
*माँ*
“माँ”! से छोटा शब्द ना सुना कोई, माँ से बड़ा भी ना कोई हुआ माँ के दिल को खुश रखना सदा, माँ की लगती है…
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