“जुदा” #2Liner-61…….

ღღ__इसमें कोई शक नहीं, कि तुम सबसे जुदा थे “साहब”;
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मगर ऐसा भी क्या जुदा होना, कि हमसे ही जुदा रहो!!…..‪#‎अक्स
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जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

    1. ღღ__दर्द की चाशनी में, डुबोना भी पड़ता है “साहब”;
      महज़ इल्म की शायरी में, मिठास नहीं आती !!……..‪#‎अक्स‬
      .
      Bas aap lpgo ki duao or hausla-afzayi ka asar h Anjali ji 🙂

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