जांबाज सैनिक
धूप हो या छाया आंधी हो या तूफान
करते रहते हैं हम देश की सुरक्षा दिन हो चाहे रात
मैं हूं इस देश का सैनिक जो
कभी भी झुकने नहीं देते हमारे देश की मान
मैं बॉर्डर पर पड़ा रहता हूं,
घनघोर घन, शीत आतप सहता हूं,
मैं जो जाता हूं जब भी काम पर,
सिल जाते हैं होंठ बीवी के, भर जाती है आंख मां की,
और पापा वापस आएंगे
का चर्चा रहता है बच्चों की जुबान पर।
Written by Shubham
nice
Thanks
Jai hind