Categories: शेर-ओ-शायरी
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नही मिलते
ये रास्तें है कैसे हमसफ़र नही मिलते, छूट गए जो पीछे उम्र भर नही मिलते! सूख चूके है उनके दीदार के इंतजार में, हरे-भरे अब…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
नया साल और मेरा प्यार
नया साल और मेरा प्यार….. अक्सर तेरे ख़्यालों में शाम हो जाया करती थी, अब एक साल और बीत चला तेरे इंतज़ार में, काश कि…
हमसे दीवाने कहाँ..
अब कहां हमसे दीवाने रह गये प्रेम की परिभाषा और मायने बदल गये, तब न होती थी एक- दूजे से मुलाकाते, सिर्फ इशारों मे होती…
जिंदगी की चाहत
जहाँ हमें मिलना था वहीं मिलते तो अच्छा था जहाँ दूरियां न होती नजदीकीयां होती वहीं मिलते तो अच्छा था जहाँ फूल खिलते बहारें होती…
Badhiya h
Thankyou
Waah
Thank you
Nice
Thank you