क्यों मन हर पल रोता है
क्यों मन हर पल रोता है,
डरता क्यों उससे जो होता है,
तेरी हिम्मत तेरे हाँथो,
फिर भी दहसत में क्यों सोता है,
अपना एक तू लक्ष्य बना
हर सफर का अंत एक दिन तो होता है,
समय से क्यों घबराकर मन हर पल क्यों रोता है,
मुश्किलों से न तू अपना अंत समझ
इसके पार ख़ुशियों का झरोखा है
लक्ष्य को हासिल कर लेगा तू जब
तब कहेगा हर मुश्किल में भी एक मौका है
इस बात को लेकर बढ़ता चल मन तू
क्यों हर पल फिर रोता है,
-मनीष
प्रेरणादायक कविता
Waah ji
Nice