Categories: शेर-ओ-शायरी
पंकजोम " प्रेम "
तराश लेता हूँ सामने वाले की फितरत ......
बस एक ही नज़र में .....
जब कलम लिख देती है , हाल - ए - दिल ....
तो कोई फ़र्क नहीं रहता .....
जिंदगी और इस सुख़न - वर में....
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good one.. 🙂
koi bhi kusur nahi he ji
Tbhi pucha anjali ji…..
इसमें क़ुसूर – ए – निग़ाह क्या ……….bht khoob
Sukkriya broo…
Bahut khoob
Tnxxx pnna bhai..
मोहब्त हैं उनसे , तभी मांगती हैं निगाहें दीदार ….
Waah waah
भावपूर्ण पंक्ति