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Ehasaas

काश कि हर इंसा को होता, किसी की भूख का एहसास काश कि हर इंसा को होता, अपमान की तकलीफ़ का एहसास काश कि हर…

कविता

कविता- ज्योति पासवान ——————————– आज लूटी है उस की ज्योति ,कल तेरी ज्योति लूट जाएगी| आंख की ज्योति , घर की ज्योति! ज्योति चाहे जिसकी…

काश

देखता हूँ अक्सर खिड़की से, कुछ कोयल दाना चुगती हैं फुदक फुदक कर चुगते चुगते फिर वो सब उड़जाती हैं काश मैं भी उड़पाता, रंग…

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