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O nil gagan ke saudagar
ओ नील गगन के सौदागर,, हवा में उड़ना तेरी फितरत है, मुझे भी अपनी पंख दे दे पंछी , मैं भी ऊरु उस नील गगन…
पतंग
न बाँधों मन पतंग को,उड़ जाने दो नवीन नभ की ओर हंस सम भरने दो,अति उमंग मे नई एक उड़ान स्वतंत्र भावों की डोर मे…
मकर संक्रांति : आसमान का मौसम बदला
आसमान का मौसम बदला बिखर गई चहुँओर पतंग। इंद्रधनुष जैसी सतरंगी नील गगन की मोर पतंग। मुक्त भाव से उड़ती ऊपर लगती है चितचोर पतंग।…
करो परिश्रम ——
करो परिश्रम कठिनाई से, जब तक पास तुम्हारे तन है । लहरों से तुम हार मत मानो, ये बात सीखो त जब मँक्षियारा नाव चलाता,…
नील कंठ
नीले रंग से यह कैसा खुमार नील कंठ तुझसे यह कैसा प्यार आदी योगी शिव शम्भू भांग धतूरा से सज्जित तुझपे यह जान समर्पित नंदी…
nice one
Thanks # panna ji