Categories: शेर-ओ-शायरी
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माँ मुझे फौज में भेज दे
माँ ! मुझे फौज में भेज दे। ना बेटा ! अपने मन को जरा परहेज़ दे।। बन जा बेटा आॅफिसर तू राज करोगे जनताओं पर।…
उम्र
किसी उम्र का कोई भी परहेज नहीं रखते, आखिर क्यों ये दरिंदे नारी सहेज नहीं रखते।। राही (अंजान)
दहेज़
उम्र भर पिता ने जो, पाई पाई रखा था सहेज। बिटिया के ब्याह में, आज वह दे दिया दहेज।। ब्याह में लिए कर्ज का चुका…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
(लेख) नारी
आज नारी के पास क्या नहीं है। फिर भी पुरुष उसे अपनों से कमजोर ही समझ रहे है।जबकि,आज हमारी सरकार नारी के प्रति तरह तरह…
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