उठो भी यार…
प्यारे मित्रो,
रविवारीय आनन्दमय सवेरे की,
मंगलकामनाएँ सपरिवारसहर्ष
स्वीकारें।
आपका अपना मित्र
जानकी प्रसाद विवश
“उठो भी यार…
देखो एक खुशनुमा सुबह बाँहें फैलाए तुम्हारा ही इंतजार कर रही है, तुम्हारे संग खिलखिलाने और दौड़ते-भागते तुम्हारे हर ख्वाब को पाने का…
तो, अब देर मत करो और आ जाओ…”
(इट्स माई पर्सनल थिंकिंग टुडे फॉर यू)
✊?।। जय भोलेनाथ करना सबका भला ।।?✊
Good