Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
स्वेच्छाकृत प्रदान की गई वस्तु नहीं कहलाते दहेज रे!
स्वेच्छाकृत प्रदान की गई वस्तु नहीं कहलाते दहेज रे! माँग की गई वस्तु ही तो कहलाते है दहेज रे! स्वेच्छाकृत प्रदान की गई वस्तु नहीं…
मैं हूँ नीर
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
प्राइमरी का मास्टर
Dedicated to primary school teachers🙏🙏🙏🙏🙏🙏⚘🌹🌹 शीर्षक:-‘प्राइमरी के मास्टर’ अपने संकल्प,समर्पण से हम संभावनाओ को साकार बनाते है, हम सब मिलकर ही बेसिक शिक्षा का दीप…
अब गुनाह में नीयत नहीं देखी जाती
अब गुनाह में नीयत नहीं देखी जाती अब प्यार में सीरत नहीं देखी जाती सब के अपने फलसफे ,सबके अपने तजुर्बे अब उम्र के लिहाज़…
Sundar
वाह
अति सुन्दर