इश्क को माना खुदा
इश्क को माना खुदा है |
देख लो क्या क्या सजा है |
उन गुलों को क्यूं मसल दूं |
जो मेरा भी हमनवा है |
मुश्कुराहट देख के मेरी |
आइना मुझ पर फिदा है |
जख्मी तुम गुलनार देखना |
मुश्कुराहट भी कला है |
झुक गया है आसमां भी |
चांद छत पर जब दिखा है |
आइना मैं देख लूं क्यूं |
माँ मेरी जब आइना है |
चांद ‘ को मैं तोड़ लाऊं |
चांदनी ‘ का फैसला है |
हर खुशी मैं छोड़ आया |
जब मिली माँ की दुआ है |
बोलेगें अरविन्द क्या अब |
दर्द आखिर बेजबा है |
❥ कुमार अरविन्द ( गोंडा )
Waah
वाह
सुन्दर