आपकी खामोशियाँ
प्यारे मित्रो
सुप्रभात अभिवादन ,
सपरिवारसहर्ष स्वीकार करें….
आपका अपना मित्र
जानकी प्रसाद विवश
“**आपकी खामोशियाँ “**
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आपकी
खामोशियाँ
भी ,
हर घड़ी
हैं बोलतीं ,
मौन
रहकर भी ,
हृदय के ,भेद सारे
खोलतीं ।
आपके
इस मौन से ,
मन में,
उठा भूकंप है ,
भावनाएँ ,
घड़ी के पैंडल ,
सरीखी डोलतीं ।
जानकी प्रसाद विवश
Good