Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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फ़िर बतलाओ जश्न मनाऊँ मैं कैसी आजादी का
आतंकी की महिमा मंडित मंदिर और शिवाले खंडित पशु प्रेमी की होड़ है फ़िर भी बोटी चाट रहे हैं पंडित भ्रष्टों को मिलती है गोदी…
निर्झर झरता गीत
यह गीत धरा का धैर्य गर्व है, नील–गगन का यह गीत झरा निर्झर-सा मेरे; प्यासे मन का …. यह गीत सु—वासित् : चंदन–वन…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
अपने मित्रों की पीर हरण
अपने मित्रों की पीर हरण , जो करता है । मित्रता -कसौटी , जगजाहिर, वो करता है । जब विपदाओं के ,चक्रव्यूह में, मित्र फँसे…
जरूरी नहीं
जरूरी नहीं , हम गले ही लगाएँ । जरूरी नहीं ,आप मिलने ही आएँ। अमर प्रेम का ,ऐसा बंधन हमारा, करें याद हम , हम…
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