“अगर वो”

अगर वो दरिया-ऐ-हुसून रखते है
तो हम भी गम-ऐ-सागर रखते है
वो रखते है अगर दामन में, खंज़र-ऐ-बेवफाई
तो हम भी, तन्हाई का गागर रखते है…………………!!

  • देव कुमार

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