Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
शायरी संग्रह भाग 1
मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
शायरी संग्रह भाग 3
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न सवाल हुआ , न जवाब ही हमारी तन्हाई में
न सवाल हुआ , न जवाब ही हमारी तन्हाई में । आंखों ही आंखों से बात हुई हमारी तन्हाई में । खामोशी को इकरार समझने…
तन्हाई
न जाने क्यों एक तन्हाई सी छा रही है, ज़िन्दगी एक कहानी सी बनती जा रही है। न जाने क्यों ये दिल खुद को अकेला…
गम-ऐ-सागर……तन्हाई का गागर jabardast bhai
THanku so much Bhai
Awesome