Categories: Poetry on Picture Contest
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होली, रुत पर छा गयी है
होली, रुत पर छा गयी। मस्तों की टोली आ गयी।। लाज़ शरम तुम छोड़ो। आज मुख मत मोड़ो।। दिल को दिल से जोड़ो। झूम कर…
“शब्दों के सद्भाव”
” माँ ” ——- शब्दों के सद्भाव ^^^^^^^^^^^^^^^^^^ मानवता भी धर्म है जैसे इन्सानियत मज़हबी नाम, शब्दों के सद्भाव भुलाकर जीवन बना लिया संग्राम |…
भोजपुरी पारंपरिक होली 6 -दिल्ली मे उड़ेला अबीर |
भोजपुरी पारंपरिक होली 6 -दिल्ली मे उड़ेला अबीर | दिल्ली मे उड़ेला अबीर ,सुना लोग | मोदी जी महनवा छप्पन इंची सिनवा | बदले देशवा…
भोजपुरी होली 6 -दिल्ली मे उड़ेला अबीर |
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
Waah holi hai
वाह
Wow
सुन्दर प्रस्तुति