शहीद हुए मतवाले
। भगत सिंह और राजगुरु के संघर्षों बलिदानों की,
ये धरती है वीर बहादुर चौड़ी छाती वालों की,
ब्रिटिश राज को धूमिल कर मिट्टी में मिलाने वालों की,
माँ के आँचल को छोड़ तिरंगे की शान में मिटने वालों की,
ये कविता नहीं कहानी है उन माँ के प्यारे लालों की,
खोकर अपनी हस्ती को भी अमर हुए जवानों की,
झुककर नमन करने फिर आँखों में अश्रु आने की,
लो फिर से आई है बेला याद करें हम,
देश की खातिर लड़ते लड़ते जो शहीद हुए उन मतवालों की॥
राही (अंजाना)
Waah badhiya
Waah ji
bahut khoob shakun sahab…badia
धन्यवाद भाई
???
N please http://saavan.in/शहीदों-की-शहीदी/
धन्यवाद।। प्लीज़ लाइक माई पोस्ट also
Good
सुन्दर रचना
बहुत ही बेहतरीन
bahut sundar