Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
आया वसंत आया वसंत
आया वसंत आया वसंत । बोल रहा है आज दिगन्त।। पतझर ने कहा तरुवर से बनकर किसलय आया वसंत। पत्तों ने कहा फूलों से खुशबू…
प्यारे दोस्तों
( मेरे प्यारे दोस्तो ) दोस्तो मेरे दिल को आबाद मत करना जीने को मिली सॉसे बर्बाद मत करना ना खेलना तुम मेरे भावनाओ से…
प्राण से ज्यादा , मित्र हो प्यारे
प्राण से ज्यादा, मित्र हो प्यारे, इस. नश्वर संसार में । तीर्थ राज संगम स्थित है , प्रिय मित्रों के प्यार में । व्यर्थ सभी…
मित्र
प्राण से ज्यादा,मित्र हो प्यारे , इस. नश्वर संसार में । तीर्थ राज संगम स्थित है , प्रिय मित्रों के प्यार में । व्यर्थ सभी…
Nice
Good