Categories: शेर-ओ-शायरी
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उम्र लग गई
ख्वाब छोटा-सा था, बस पूरा होने मे उम्र लग गईं! उसके घर का पता मालूम था , बस उसे ढूंढने मे उम्र लग गईं !…
कविता : वो सारे जज्बात बंट गए
गिरी इमारत कौन मर गया टूट गया पुल जाने कौन तर गया हक़ मार कर किसी का ये बताओ कौन बन गया जिहादी विचारों से…
टेक्नोलॉजी कैसे आएगी
टेक्नोलॉजी कैसे आएगी ——––—-/–/——-// टेकनोलॉजी कैसे आएगी इस देश में जब तर्क को आस्था के डिब्बे में बंद कर दिया गया हो … जब विज्ञान…
एक शाम के इंतज़ार में
कोई शाम ऐसी भी तो हो जब तुम लौट आओ घर को और कोई बहाना बाकी न हो मुदत्तों भागते रहे खुद से जो चाहा…
शायरी तो बहाना है।
जो है बात दिल में , वो लब पे आए । चिट्ठी सा बन कर , उस तक पहुंच जाए, हाले दिल को ; शब्द जाल…
वाह
सुन्दर
सुन्दर है
Nice