Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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जवाँ सी जवाँ है
हवा आजकल कुछ जवाँ सी जवाँ है, दिले धड़कनें भी जवाँ सी जवाँ है। उदासी नहीं रख कहीं मन लगा ले, अभी तो जवानी जवाँ…
कविता : हौसला
हौसला निशीथ में व्योम का विस्तार है हौसला विहान में बाल रवि का भास है नाउम्मीदी में है हौसला खिलती हुई एक कली हौसला ही…
वो कहते है, हम कहते है………
वो कहते है हमारे निगाह को यूँ देखा न करो हम कहते है के तुम अपनी निगाह से हमें यूँ देखा न करो वो कहते…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
लघुकथा
( लघुकथा ) एक गरीब महिला अपने परिवार के साथ एक टुटी झोपड़ी में रहती थी उसके परिवार में एक बेटी और एक बेटा था…
Waah
वाह बहुत सुंदर