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Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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पता नहीं किस बात पर इतराता है आदमी कब समझेगा अर्थ ढाई आखर का आदमी भूल बैठा है आज वो निज कर्तव्य को खून क्यों…
मुक्तक
बेवफाओं की कोई सूरत क्या होती है? नाखुदाओं की कोई मूरत क्या होती है? जब कौम की जागीरों में बँटा है आदमी, इंसानियत की कोई…
मुक्तक
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क्या खूब लिखा है