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Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
मंज़िलें नज़दीक है…
सफर शुरू हुआ है मगर मंज़िलें नज़दीक है… ज़िंदगी जब जंगलोके बीच से गुजरे, कही किसी शेर की आहट सुनाई दे, जब रात हो घुप्प…
“आरती माँ भारती की”
माँ भारती तेरी आरती । तेरी आरती माँ भारती ।। माँ भारती तेरे निगहबान सीमा प्रहरी हम पाकर अजेय वरदान डटे हैं सीमाओं पर इस…
हम क्या-क्या भूल गये
निकले हैं हम जो प्रगति पथ पर जड़ों को अपनी भूल गये मलमल के बिस्तरों में धँस के धरा की शीतलता भूल गये छूकर चलते…
ज़िंदगी तुम बहुत ही खूबसूरत हो…
ज़िंदगी तुम बहुत ही खूबसूरत हो… ………………..++++……………….. ज़िंदगी तुम बहुत ही खूबसूरत हो… सूनसांन बंजर राहों से हो कर गुज़रती हो फिर भी हँसती खिलखिलाती…
Nice
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