Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
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हवा
वसंती आयी वसंती आयी देखो देखो वसंती आयी साथ में हरियाली लायी फूलों की महक लायी भौरो को संग लेकर आयी ओंस की बूदो को…
कैसे होते हैं……!
कैसे होते हैं……! ——————————— कोई पहचान वाले अनजान कैसे होते हैं जानबूझ कर कोई नादान कैसे होते हैं बदलता है मौसम वक़्त और’लम्हें सुना हेै–…
Very good