Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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बाबुल
बाबुल —————- याद आए बाबुल जब-जब तेरी, आंख भर आए तब तब मेरी। मैं चिड़िया थी अंगना तेरे, चहका करती सांझ सवेरे। गोद में…
जब भी वो आ जाती है
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
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