मिली मुझे खुशियां

मिली मुझे खुशियाँ (“रहस्य:) देवरिया

मेरे होठों कि हॅशी तेरे आनें से है,
मिली मुझे खुशीयाॅ तेरे बहाने से है,,
“”””””””

मेरे लबों कि मुस्कुराने की वजह ,
बे पनाह तेरा प्यार मुझपे लूटाने से है,,
“”””””””

मैं तो सायद कबका मिट ही चूका था,
मेरी साॅसो कि डोर तेरे सहारे से है
“”””””””

मेरे होठों कि हॅशी तेरे आनें से हैं,
“:”:”:”:”
(“रहस्य “)देवरिया

Related Articles

Responses

+

New Report

Close