मन मेरे

आज ये मन मेरे ,
मीत अपना ढूंढ ले

खींच ले जो मीत को,
मीत ऐसा ढूंढ ले

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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मीत

बिछड़ गए मीत जिनके, मनवा उन्हें बुलाये छाये घटा सावन की जब, नैना भर भर आये मन सावन गीत गए, मेरा पिया,जब घर आये -विनीता…

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