Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
कुछ इस कदर के दुआएं बेअसर हो गई
कुछ इस कदर के दुआएं बेअसर हो गई, के सारे मर्ज़ों की दवाएं मेरे ही सर हो गई, इलाज मिला मगर कहीं कुछ कसर हो…
Ek Pharmacy ki dukan
एक फार्मेसी की दुकान में कई दवाएं होती हैं। कुछ दवाएं हमें ठीक करती हैं, कुछ हमें जिंदा रखती हैं और कुछ हमें मार देती…
नज़र ..
प्रेम होता दिलों से है फंसती नज़र , एक तुम्हारी नज़र , एक हमारी नज़र, जब तुम आई नज़र , जब मैं आया नज़र, फिर…
कविता : मोहब्बत
नदी की बहती धारा है मोहब्बत सुदूर आकाश का ,एक सितारा है मोहब्बत सागर की गहराई सी है मोहब्बत निर्जन वनों की तन्हाई सी है…
Asm
Osm
खूब