Categories: मराठी कविता
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प्रेम
मेरी लेखनी में अभी जंग लगा नहीं। प्रेम के सिवा दूजा कोई रंग चढ़ा नहीं। प्रेम में लिखता हूँ, प्रेम हेतु लिखता हूँ। प्रेम पर…
अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है ।
अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है । प्रेम से ही टिकी हुई, धरती, गगन, भुवन है ।। अर्थ जगत का सार…
का दूर राहतेस तू
का दूर राहतेस तू , स्वप्नात पटकन येत जा डोळ्यांच्या पडद्यामागे , सुंदर आठवणी देत जा तुझी आठवण आली कि जीव कासावीस होतो whatsapp facebook…
प्रेम करुणा, प्रेम ममता
प्रेम क्या है क्या बताएं पूछते हो तो सुनो, प्रेम जीवन प्रेम माया प्रेम सब कुछ है सुनो। प्रेम करुणा, प्रेम ममता प्रेम चाहत है…
प्रेम
चिरायु,चिरकाल तक रहने वाला चिरंतन है प्रेम, निष्काम, निः संदेह निश्चल है प्रेम। पुनरागमन, पुनर्जन्म ,पुनर्मिलन है प्रेम। संस्कार, संभव संयोग है प्रेम, लावण्य, माधुर्य,…
उत्तम विचार
Good
Wah
Waah
Nice
Good
Bahut khoob