गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस की अरुणिम उषा में,
राजपत की छवि निराली ,
हर रंगों की वेशभूषा में ,
भारत माता की छवि है प्यारी ,
उस पर तिरंगे का नील गगन में लहराना ,
जय हिन्द .जय भारती की,
स्वरलहरी से गुंजित दिशाएं ,
हर जन के मन में,
भारतवासी होने का अभिमान जगाए।
भारत माँ के हर अंगों की,
छटा बड़ी मनोहारी है,
रंग – बिरंगे फूलों के अलंकार ने,
अद्धभुत छटा बनाई है।
भारत की सुंदरता गणतंत्र की ,
प्रजातंत्र में समायी है ,
गणतंत्र के नियमों की ,
सजदे करते यहाँ सब भाई हैं ,
भाई-चारे , सौहार्द की सौगात ,
हमने धरोहर में पाई है।
ये धरोहर न लुटने पाए ,
गणतंत्र के नियमों तले ,
हर क्यारी फुले -फले,
इन्द्रधनुषी रंगों में ,
भारत माता यूँ हीं सजती रहें।.
आओ हम सब मिलकर ,
भारत माँ के अलंकार बनें ,
तिरंगे की शान में ,
चाँद-सितारों के अरमान भरें ,
अपने गणतंत्र पर अभिमान करें।
सुंदर रचना।
क्रप्या मेरी कविता बात करूँगा दिल से दिल को छू कर जाने वालों की आजादी के जंग में शामिल दिलवाले दीवानो की
पर कमेंट करो। प्लीज़
thanks, okay sure
Kmz
thanks a lot
Great!
बहुत सुंदर ।
Epic 🙂
वाह
Jai hind
Thanks