Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
तुम मिटाती रहो सबूत
तुम मिटाती रहो मेरे प्यार के सबूत मैं सबूत जुटाता रहूंगा। तुम कितना भी मेरे ख्वाबों से बचना चाहो मैं हर रात ख्वाबों में आता…
ठहरो-ठहरो इनको रोको, ये तो बहसी-दरिन्दें हैं ।
ठहरो-ठहरो इनको रोको, ये तो बहसी-दरिन्दें हैं । अगर इसे अभी छोड़ डालोगे. तो आगे इसका परिणाम बुरा भुगतोगे ।। ठहरो-ठहरो इनको रोको, ये तो…
दिल की अदालत में
यूँ ना उड़ाओ मेरी नींद मैं रिपोर्ट लिखा दूंगी, दिल की अदालत में। ज़माना कुछ भी कहे अपना बनाकर सजा दिला दूंगी, दिल की अदालत…
बहुत परेशान करती है तन्हा रातें हमकों।
बहुत परेशान करती है तन्हा रातें हमकों। मुसल्सल याद आती है मुलाकातें हमको।। , ऐसे क्यूँ ख़फ़ा हो गए बिना सबब के तुम। क़ोई वजह…
Waah
Thank you
वाह